दिवाली कब मनाई जाती है(Diwali kab manai jati hai)- दिवाली के फेस्टिवल को शरद ऋतु (उत्तरी गोलार्द्ध) में मनाया जाता है. दिवाली का फेस्टिवल लगभग नवंबर के महीने में एक साल में एक बार आता है. हमारे भारतीय कैलेंडर के अनुसार दिवाली को नवंबर के महीने में ही मनाया जाता है.
दीवाली क्यों मनाई जाती है(Diwali kyo manai jati hai)- दीपावली भारत देश का बहुत ही बड़ा फेस्टिवल है. इस दिन श्री राम की पत्नी सीता माता को लंका में ले जाने वाले रावण का अंत हुआ था. इसके बाद से दिवाली का फेस्टिवल पुरे भारतवर्ष में धूम धाम से मनाया जाता है. दिवाली को रोशनी का फेस्टिवल भी कहते है. इसके साथ ही राजा दसरथ के पुत्र 14 वर्ष के वनवास से अपने महल वापिस लोटे थे. इसकी खुशी में महल में घी के दीपक जलाये गए.
दीपावली शब्द का अर्थ दीपक से है.
अगर हम हमारी बात करे तो इस दिन के आने से घरो की साफ़ सफाई अच्छे से हो जाती है. इस दिन हम बहुत सारे सामान की खरीददारी करते है.इस दिन हमारा घर बहुत सूंदर होता है. घर की सफाई होने से लक्समी जी का आगमन होता है.
दिवाली कैसे मनाई जाती है(Diwali kaise manai jati hai)- दिवाली के पहले धनतेरस के दिन हम नए सोने चांदी के आभूसन और बहुत सारी चीजे की खरीददारी करते है.
इस दिन हम अच्छे-अच्छे कपडे पहनते है. इस दिन से पहले मकानों का रंगरोगन किया जाता है. सबसे खाश बात ये है की इस दिन हम हमारे घर में अपने परिवार के साथ खुसिया बाटते है. इस दिन घर में बहुत सरे पकवान बनाये जाते है.
लक्समी जी की पूजा कैसे करे-
1. लक्समी जी पूजा का एक टाइम होता है टाइम आपको दिया गया है इस टाइम के बाद पूजा स्टार्ट कर सकते है.
२. लक्समी जी की पूजा से पहले इस्नान कर ले परिवार के सभी लोग इससे लक्समी माँ खुश होती है और अप्पर धन प्राप्ति होती है.इससे आपका पैसे पैर कण्ट्रोल बना रहेगा.
३. सबसे पहले माँ लक्समी जी का पाना सामने रखे और उसको तिलक लगाए, हो शेक तो कुबेर जी की भी फोटो सामने रखे.
४. इसके बाद आपको घी का दीपक जलाये और धुप ध्याना दे आपने जो स्वीट मिठाईया बनाई है उसका भोग लगा दे.
५. इसके बाद आप लक्समी जी का सारा काम अर्ताथ पूजा स्टार्ट करोड़ सभी अपने हरद्य में आस्था रखे.
लक्समी पूजा टाइम(Laxmi puja time/Laxmi puja muhurta) :
दीवाली क्यों मनाई जाती है(Diwali kyo manai jati hai)- दीपावली भारत देश का बहुत ही बड़ा फेस्टिवल है. इस दिन श्री राम की पत्नी सीता माता को लंका में ले जाने वाले रावण का अंत हुआ था. इसके बाद से दिवाली का फेस्टिवल पुरे भारतवर्ष में धूम धाम से मनाया जाता है. दिवाली को रोशनी का फेस्टिवल भी कहते है. इसके साथ ही राजा दसरथ के पुत्र 14 वर्ष के वनवास से अपने महल वापिस लोटे थे. इसकी खुशी में महल में घी के दीपक जलाये गए.
दीपावली शब्द का अर्थ दीपक से है.
अगर हम हमारी बात करे तो इस दिन के आने से घरो की साफ़ सफाई अच्छे से हो जाती है. इस दिन हम बहुत सारे सामान की खरीददारी करते है.इस दिन हमारा घर बहुत सूंदर होता है. घर की सफाई होने से लक्समी जी का आगमन होता है.
दिवाली कैसे मनाई जाती है(Diwali kaise manai jati hai)- दिवाली के पहले धनतेरस के दिन हम नए सोने चांदी के आभूसन और बहुत सारी चीजे की खरीददारी करते है.
इस दिन हम अच्छे-अच्छे कपडे पहनते है. इस दिन से पहले मकानों का रंगरोगन किया जाता है. सबसे खाश बात ये है की इस दिन हम हमारे घर में अपने परिवार के साथ खुसिया बाटते है. इस दिन घर में बहुत सरे पकवान बनाये जाते है.
लक्समी जी की पूजा कैसे करे-
1. लक्समी जी पूजा का एक टाइम होता है टाइम आपको दिया गया है इस टाइम के बाद पूजा स्टार्ट कर सकते है.
२. लक्समी जी की पूजा से पहले इस्नान कर ले परिवार के सभी लोग इससे लक्समी माँ खुश होती है और अप्पर धन प्राप्ति होती है.इससे आपका पैसे पैर कण्ट्रोल बना रहेगा.
३. सबसे पहले माँ लक्समी जी का पाना सामने रखे और उसको तिलक लगाए, हो शेक तो कुबेर जी की भी फोटो सामने रखे.
४. इसके बाद आपको घी का दीपक जलाये और धुप ध्याना दे आपने जो स्वीट मिठाईया बनाई है उसका भोग लगा दे.
५. इसके बाद आप लक्समी जी का सारा काम अर्ताथ पूजा स्टार्ट करोड़ सभी अपने हरद्य में आस्था रखे.
लक्समी पूजा टाइम(Laxmi puja time/Laxmi puja muhurta) :
Diwali date: 7 november 2018
Laxmi puja muhurta/Time : saam 17:57pm se 1953pm
Pradosh Kaal- 17:27 to 20:06
Vrishabha Kaal - 17:57 to 19:53
Amavasya Tithi Begins- 22:27 (6 November)
Amavasya Tithi Ends- 21:31 (7 November)
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